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पाकिस्तान में 'टारगेट किलिंग', भारत का 'ऑपरेशन'.. मोदी सरकार पर लगे आरोपों पर क्या बोला अमेरिका?

 ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है, कि पाकिस्तान में पिछले कुछ महीनों से हो रही टारगेट किलिंग में भारत का हाथ है और ये रिपोर्ट, पाकिस्तान सरकार के उन दावों की पुष्टि है, जिसने भारत पर टारगेट किलिंग का आरोप लगाया गया था।




आरोप लगाया गया है, कि पाकिस्तान में 2020 से कम से कम 20 हत्याओं में भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी RAW का हाथ है। जिसको लेकर अब अमेरिका की प्रतिक्रिया सामने आई है।

अमेरिका ने मीडिया रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है, कि वह इस डेवलपमेंट पर नजर रख रहा है, लेकिन वो "इस स्थिति के बीच में नहीं आएगा।" पाकिस्तान चाह रहा था, कि उसे भी कनाडा की तरह अमेरिका का समर्थन हासिल हो और वो भारत को इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर विलेन की तरह पेश कर सके, लेकिन पाकिस्तान के मंसूबे फेल हो गये हैं। 

टारगेट किलिंग पर क्या बोला अमेरिका 

पाकिस्तान में हत्याओं को अंजाम देने के बारे में भारत के खिलाफ इस्लामाबाद के आरोपों पर गार्जियन के लेख पर अमेरिका की स्थिति पर एक सवाल पूछा गया था, जिसपर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, कि "हम इस मुद्दे के बारे में मीडिया रिपोर्टों को फॉलो कर रहे हैं, हम इन आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे। निश्चित रूप से, हम इस स्थिति के बीच में नहीं आने वाले हैं, लेकिन हम दोनों पक्षों को तनाव से बचने और बातचीत के माध्यम से समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।"


पाकिस्तान की कोशिश थी, कि जिस तरह से सीएए और भारत में हो रहे चुनावों को लेकर पिछले कुछ दिनों में अमेरिका की तरफ से प्रतिक्रिया आई थी, उसी तरह का साथ वो हासिल कर सके। खासकर कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद अमेरिका ने काफी हद तक कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लगाए गये आरोपों का साथ दिया था, जिसकी वजह से भारत और अमेरिका के संबंध तनावपूर्ण भी हुए हैं। 

लेकिन, अमेरिका ने साफ कर दिया है, कि वो भारत और पाकिस्तान के बीच के विवाद में नहीं आएगा। अमेरिकी विदेश विभाग का ये स्टैंड बताता है, कि कम से कम पाकिस्तान को लेकर अमेरिका, भारत से किसी तरह के विवाद में फंसना नहीं चाहेगा। गार्जियन की रिपोर्ट में क्या दावा किया गया? द गार्डियन की रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यालय, यानि PMO सीधे तौर पर रॉ को नियंत्रित करता है और 2019 के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा उपाय के रूप में इन गैर-न्यायिक हत्याओं को अंजाम दिया गया है। 

ब्रिटिश अखबार द गार्जियन की रिपोर्ट में में दावा किया गया है, 

उसने दोनों देशों के अधिकारियों से इंटरव्यू लिए हैं और पाकिस्तान के जांचकर्ताओं ने उसे दस्तावेज दिए हैं, जिससे पता चलता है, कि भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) पाकिस्तान में हुए टारगेट किलिंग्स में शामिल रही हैं। दावा किया गया है, कि पाकिस्तान में पिछले कुछ महीनों में जिन आतंकवादियों की हत्याएं हुए हैं, वो भारत के इशारे पर की गई हैं और इसके पीछे भारत की खुफिया एजेंसी शामिल हैं। 

रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि पाकिस्तान में 2020 से लगभग 20 हत्याएं अज्ञात बंदूकधारियों ने की हैं और इन हत्याओं में कथित तौर पर भारतीय खुफिया जानकारी शामिल थी। इन अभियानों में कथित तौर पर पाकिस्तान के भीतर और विदेशों में खालिस्तान आंदोलन से जुड़े सिख अलगाववादियों को निशाना बनाया गया। इस रिपोर्ट में पाकिस्तानी जांचकर्ताओं का आरोप है, कि मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से संचालित होने वाले भारतीय खुफिया स्लीपर सेल ने इन हत्याओं को अंजाम दिया है। 

वहीं, द गार्जियन की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने सभी आरोपों से इनकार कर दिया और भारत ने कहा है, कि ये रिपोर्ट दुर्भावनापूर्ण और भारत के खिलाफ चलाए जा रहे प्रोपेगेंडा का हिस्सा हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के उस बयान को फिर से दोहराया है, कि किसी भी देश में टारगेट किलिंग्स में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं है।


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