फिर दोहराया जाएगा इतिहास, अब बनेगा नया इतिहास। पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस, आप कार्यकर्ताओं ने भी उठाई आवाज, सपा के जोश के आगे विपक्ष ने घुटने टेके।
अरशद जमाल सिद्दीकी, पूर्व जिला महासचिव संजय सामवेदी, बजेंद्र नारायण सक्सेना, गुड्डू दादा एसटी हसन जैसे नेता कर रहे थे। सपा कार्यालय पर उमड़ी भीड़ इतिहास बनते देख रही थी। भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस के छह शॉट चूक गए
प्रो. रामगोपाल यादव के साथ गुरुवार को स्टर्लिंग अधिकारी के समक्ष नामांकन दाखिल करते अखिलेश यादव, अखिलेश यादव का पहला चुनावी नामांकन का दृश्य
विवेक कुमार यादव
सपा कार्यालय से लेकर कलेक्ट्रेट तक पूर्व मुख्यमंत्री के नामांकन को लेकर प्रशासन अलर्ट रहा, पुलिस को जगह-जगह बैरिकेडिंग कर भारी फोर्स और आला अधिकारियों को तैनात करना पड़ा। हजारों कार्यकर्ताओं और वाहनों की भारी भीड़ को संभालने में प्रशासन विफल रहा। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक मीडिया मौजूद रहा। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के नामांकन को कवर करने के लिए प्रतिष्ठित समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक चैनलों के प्रतिनिधि ओडिवन के साथ मौजूद रहे। विशाल जनसभा में प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, पूर्व सांसद छोटे सिंह यादव, कांग्रेस जिला अध्यक्ष दिनेश पालीवाल, आशा ग्रुप के प्रमुख मनोज दीक्षित, जयकुमार तिवारी, हसीब हसन, पूर्व कांग्रेस जोनल प्रवक्ता विवेक नारायण मिश्रा, नेमसिंह यादव, प्रीत कटियार, विधायक रेखा वर्मा, पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत, पूर्व ब्लॉक प्रमुख अखिलेश यादव, पूर्व विधायक रंजीत सिंह .. पूर्व विधायक अरविंद सिंह यादव अर्पित शुक्ला सुमित यादव दीपू यादव नरेश यादव पूर्व प्रधान रामपुर. चुनाव लड़ने की तैयारियों का आगाज हो चुका है। कन्नौज लोकसभा सीट से अपनी राजनीतिक पारी खेलते हुए अखिलेश यादव ने सैफई परिवार के युवराज के तौर पर यहीं से पहला चुनाव लड़कर संसद की राह पकड़ी थी। जिसके बाद कई उतार-चढ़ाव आए लेकिन उनका जनता से जुड़ाव बरकरार रहा। कन्नौज का हर हर गांव, गली और गलियारे से उठ रही आवाज को सबसे ऊपर रखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सपा और भारत गठबंधन के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच कन्नौज क्रांति की नई अलख जगाई तो कौज ने भी उन्हें सर कह दिया। ऐतिहासिक जीत के वादे पर नजरें गड़ाए कन्नौज। नई ख्वाहिशें, नया जोश और फिर इत्र नगरी कन्नौज में फूलों की खुशबू ने यहां के युवराज रहे अखिलेश यादव को यह कहने पर मजबूर कर दिया कि फिर इतिहास दोहराया जाएगा, अब नया इतिहास बनेगा, चाचा प्रो. रामगोपाल यादव के साथ। 12 साल बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने एक बार फिर अपने करीबियों के साथ कन्नौज से लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया है। लोकतंत्र में जनता की आवाज