लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी वाराणसी से चुनाव लड़ेंगी। किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को अखिल भारतीय हिंदू महासभा उत्तर प्रदेश द्वारा वाराणसी संसदीय सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
यह भी बता दें कि वाराणसी देश की सबसे चर्चित लोकसभा सीट है। यहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। ऐसे में इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी भी चुनाव मैदान में होगी।
हिमांगी सखी का कहना है कि देश के राजा ने हम किन्नरों पर ध्यान नहीं दिया इसलिए चुनाव लड़ने को पार्टी बोली तब मैंने तैयारी की है। उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी के लिए भी कम से कम एक सीट आरक्षित होनी चाहिए।
किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी 12 अप्रैल से वाराणसी में अपना चुनाव प्रचार प्रारंभ करेंगी। हिमांगी सखी की मांग है कि नौकरियों से लेकर लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनाव में भी किन्नरों के लिए सीटें आरक्षित की जानी चाहिए।
महाराष्ट्र में बीता है हिमांगी सखी का बचपन दरअसल, किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी की मां पंजाबी थीं और उनके पिता गुजराती थे। हिमांगी सखी का बचपन महाराष्ट्र में बिता लेकिन माता-पिता का निधन हिमांगी सखी वृंदावन पहुंचीं और वहां शास्त्रों का अध्ययन शुरू किया।
हिमांगी सखी भारत के अलावा बैंकाक, सिंगापुर और मॉरिशस आदि जगह पर भागवत कथा सुना चुकी हैं। हिमांगी सखी की पांच भाषाओं में अच्छी पकड़ है और वे पंजाबी, गुजराती, हिंदी, अंग्रेजी और मराठी आदि भाषाओं में भागवत कथा सुनाती हैं। बातचीत के दौरान किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध नहीं करती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकास तो किया गया लेकिन किन्नरों के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई। ऐसे में सदन में किन्नर समाज की आवाज उठाने के लिए वे चुनाव मैदान में उतर रही हैं। अखिल भारत हिंदू महासभा 20 सीटों पर उतारे प्रत्याशी यह भी बता दें कि अखिल भारतीय हिंदू महासभा उत्तर प्रदेश द्वारा वाराणसी के अलावा लखनऊ, सीतापुर, देवरिया, बागपत, मिर्जापुर, संत कबीर नगर, गोंडा, सलेमपुर, बलिया, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, फतेहपुर, उन्नाव, गोरखपुर, डुमरियागंज, बांदा, प्रयागराज, आगरा और आजमगढ़ से प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतार गया है।