हरदोई I सहानुभूति समाचार, जिला मुख्यालय में जिला अधिकारी के आदेश को ठेका दिखाकर ए आरटीओ विभाग में जमकर हो रही है अवैध वसूली जिसका जीता जाता प्रमाण एक वीडियो वायरल होने के बाद यह आभास हो गया है कि केंद्र एवं प्रदेश में। डबल इंजन की सरकार चाहे जितनी ही तेज रफ्तार में चले किंतु भ्रष्टाचारियों पर नकेल लगाने में जिले के आल्हा अफसर विफल नजर आ रही है। यूपी में शायद ही ऐसा कोई सरकारी विभाग हो जहां घूस न ली जाती हो। सरकार भ्रष्टाचार पर रोक तो लगाना चाहती है किंतु कड़े फैसलो के साथ भर्ती की भी तैयारियां करनी होगी। ताकि भ्रष्टाचार्यों को उसे लेते हुए पकड़े जाने के बाद विभाग से निकलने के साथ-साथ सभी सेवाएं जो नौकरी के बाद प्राप्त होती रहै वह भी बंद कर देनी चाहिए जिससे सरकार को एक बड़ा फायदा होगा और भ्रष्टाचारियों में एक डर भी बनेगया।
भ्रष्टाचार से संबंधित एक मामला जनपद हरदोई के आरटीओ ऑफिस से आया है मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि हरदोई जिले में आरटीओ विभाग के डीवीए (डेटा बेस एडमिमिस्ट्रेट) शैलेन्द्र दीक्षित जो सीतापुर के मूल निवासी हैं। हरदोई आरटीओ कार्यालय में करीब 2 वर्ष से कार्यरत हैं। जिनका घूस लेते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक वाहनों की लोन कटवाने के मेल निकलवाने के नाम पर एवं दूसरे राज्य से अथवा अन्य जिलों से एनओसी लेकर आए वाहनों के एनआर निकलवाने के नाम पर खुलेआम रिश्वत लेता है। जो मना करते हैं या ते धनराशि से कम देते हैं उन्हें ऑफिसों के महीनों चक्कर लगावाये जाते हैं। जिसकी बात कार्य करने वाला व्यक्ति तक हर कर रिश्वत देने को मजबूर हो जाता है। हर की सौ बातों की एक बात क्या हरदोई आरटीओ कार्यालय के रिश्वतखोर पर क्या कोई ठोस कार्रवाई होती है क्या इन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा या केवल कार्रवाई के नाम पर खाना पूर्ति कर बचाने का प्रयास किया जाएगा।